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जयपूर,जबलपूर के कलाकारो की अप्रतिम प्रस्तुतीकरण के लिये नागपूरकरो का इंतजार खतम

२ और २३ फ़रवरी को नागपुर के वनामती सभागृह मे ‘अगरबत्ती‘ व ‘हूंकारो’का होगा प्रस्तुतीकरण

क्लाप संस्था द्वारा दो महत्पूर्ण और चर्चित नाटकों  का आयोजन 

नागपूर,तारीख २० फेब्रवरी २०२४: जयपूर और जबलपूर के कलाकारोद्वारा अगामी २२ एवं २३ तारिख को दो नाटको का प्रस्तुतीकरण होगा.२२ को समागम रंग मंडल जबलपुर की प्रस्तुति ‘अगरबत्ती’ नाट्य है जिसके लेखक आशीष पाठक हैं और निर्देशन स्वाति दुबे द्वारा किया गया है . दोनों नाटकों का आयोजन  शाम ६.३०  बजे वनामती  सभागृह  ,ट्रैफिक पार्क ,धरमपेठ में  होगा.

‘अगरबत्ती’ नाटक की पृष्टभूमि में फूलन देवी और बेहमई कांड की हिंसा  के बाद की  कथा  है. ठाकुरों की हत्याओं के बाद उनकी विधवाओं के भीतर बदला लेने का जो प्रतिशोध है और समय और हालातों के साथ किस तरह से उनकी सोच और चेतना दृष्टि  बदलती है, इस पूरे द्वन्द यात्रा को नाटक में बेहद रोचक ढंग से दिखाया गया है   .‘अगरबत्ती‘ पित्रसत्तात्मक समाज को प्रभावित करने वाली कथा है जिसमे भ्रम टूटने का सिलसिला  अपने चरम तक जा पहुँचता है  कि ‘’जब पापी अपना रिश्‍तेदार भी हो तो भी पापी ही रहेगा’’. नाटक जाति, लिंग, वर्गसंघर्ष , और राजनीति के ऐसे द्वन्द को उभारता है जिसमे चरित्रों से लेकर दर्शक को भी यह तय करना पड़ता है कि वो विचार के स्तर पर कहाँ खड़ा है!

‘अगरबत्ती’ नाटक पूरे देश में खेला गया है और नागपुर में इसका ५१ वां प्रदर्शन है.

२३ की शाम को मोहित टाक्क़लकर द्वारा निर्देशित  नाटक ‘हुंकारों’ का आयोजन है. यह नाटक एक तरह की हरियाणवी, हिंदी, मारवाड़ी,भोजपुरी  और अवधी में बताई गई अलग अलग  कहानियों को  किस्सागोई की विधा में पेश करता है और दर्शक को नैरेटर के साथ धीरे धीरे बाँध सा देता है .

मारवाड़ी में सुनाई गई एक कहानी से शुरुआत करते हुए, मंच पर छह कलाकार प्रख्यात लेखक विजयदान देथा की कहानी आशा अमर धन की गहराई में उतरते हैं, जिसमें एक खराब किस्मत वाला किसान और उसकी दूसरी पत्नी काम पाने की उम्मीद में अपने बच्चों को घर में बंद कर देते हैं। दूसरी कहानी में, एक प्रवासी श्रमिक अपने गाँव के लिए निकलता है और उसकी दोस्ती एक अजीब प्राणी से होती है जो आधा गिद्ध और आधा कौआ है। तीसरी कहानी में, दो भाई अपनी विकलांग माँ को छोड़कर अपने पैतृक गाँव लौट आते हैं। पूरे नाटक में करोना काल के दौरान विस्थापितों  की  वापसी की एक मार्मिक कथा को किस्सगोई के माध्यम से पेश किया गया है .

अधिक जानकारी के लिये संपर्क :- ८६०००४४४३२ पर संपर्क करे.
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